Friday 18 September 2020

▲ मृगवर्णीका

नमस्ते,

मैंने इससे पहले भी कई बार कोशिश की है लेकिन मै खुद को तैयार न कर सका। इस बात को आप तक पहुंचाने के लिए मैंने कई बार अपने फैसलों में तब्दीली की है।  मुझे लगता है कि यह बात मुझे आप सभी के साथ साझा करनी चाहिए। सही समय कभी नहीं आता लेकिन यह हमारी सोच का हिस्सा रहा है बस इसलिए हम अपनी समझ के अनुसार परिस्थितियां बनाते है और प्रतिक्रिया करते है।

यह घटना लगभग 7 माह पहले फरवरी की एक शाम मेरे साथ घटित हुई। जब मै यूहीं टहल रहा था, अचानक एक महाशय जो मेरे अच्छे परिचित है, मेरे पास से गुजरे मैंने उनकी तरफ देखा और उन्हें नमस्ते कह कर उद्बोधित किया। उन्होंने भी प्रतिक्रिया में मुझसे पूछा कि आप कैसे है? मैंने कहा मै ठीक हु । उन्होंने फिर मुझसे पूछा कि इन दिनों तुम क्या कर रहे हो?  मैंने कहा वहीं जो मै करता हूं । मेरे प्रति भावुक और चिंता जनक अहसास के साथ उन्होंने कहा, ठीक है लेकिन तुम्हे और बेहतर करना चाहिए क्यों कि तुम इतने प्रभावी नहीं हो और कोई चमत्कार नहीं होने वाला, तुम्हे अपने प्रयत्नों से ही किसी बड़े मुकाम को हासिल करना है। मैंने हां कहकर उनके अगले सभी सवालों को टाल दिया और वहां से चला गया। उन्होंने जो भी मुझसे कहा था मै उन शब्दों को मन ही मन दोहरा रहा था। पहला वाक्य की तुम इतने प्रभावी नहीं हो, और दूसरा यह कि कोई चमत्कार नहीं होने वाला, ये दोनों वाक्य मेरे ज़हन में गहराई तक उतर गए । मैं बुरे समय में खुद के प्रति सहज और सकारात्मक रवैया रखता हू ताकि कोई नकारात्मक चीज मुझ पर हावी न हो सके और यह मेरी एक खूबी है कि मै हमेशा कुछ न कुछ सीखने और खोजने में लगा रहता हूं । मै किसी ऐसी चीज को खोज रहा था जो मुझे बेहद प्रभावी बना सके मैंने अपनी सारी शक्ति किसी ऐसी चीज को खोजने में लगा दी जो सच में मुझे प्रभावी बना सके। मै लगातार खोज में लगा रहा मैंने महसूस किया कि हर चीज अजीब ठंग से घटित हो रही है जैसे हर चीज में जादू हो और चमत्कारी तरीके से मेरे सामने प्रकट होती हो, आखिर कार एक दिन ब्रम्हांड का रहस्य मेरी आंखो के सामने लिखित रूप में व्यक्त हुआ। इसका मतलब वही है, जो आप चाहते है! मैंने उसे खुद अपनी दुनियां में आकर्षित किया, यह मुझे चमत्कारी तरीके से मिला क्यों कि मैंने इसी तरह के विचार और एहसासों को तब तक महसूस किया जब तक मैंने इसे हासिल ना कर लिया। मै अपनी शारीरिक बनावट और दुबले पन से कभी हताश नहीं हुआ पर ज्यादा प्रभावी होने के तरीकों के बारे में सोचता रहता। प्रभावी होने की मेरी कमी को मेरे शब्दों ने पूरा कर दिया और इसका प्रभाव आज आप इस घटना के व्याख्यान को पढ़ रहे है मेरे लिखे शब्दों ने ही आपको इसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया है और ये सब मैंने उस रहस्य को जान कर हासिल किया क्यों कि उसमे लिखा था "आपकी ख्वाहिश मेरा हुक्म है।" इसका मतलब यही हैं कि मैंने ही उस रहस्य को अपने जीवन में आकर्षित किया था। मैंने एक स्पष्ट चाह, विचार और अहसास के जरिए उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया। इसका मतलब यह है कि आप जो चाहते है अगर उसके प्रति आप स्पष्ट है तो बस आपने मांग लिया है। इस तरह के विचार जो ऐच्छिक वस्तु से जुड़े अहसास को निरंतर पैदा करते है ऐसे विचारो से ही आप वह सब हासिल कर सकते है, जो आप चाहते है। आप वहीं है, जिसकी आपने कल्पना की थी। इसने मेरी जिंदगी बदल दी, इसने मुझे ज्यादा खुशी महसूस करने की काबिलियत दी, इसने मुझे वो बना दिया जो मै बनना चाहता हू, मैंने अपने लिए यह दुनिया चुनी है अब आप की बारी है कोई भी चीज रहस्य बनकर नहीं रह सकती अगर आप में उसे जानने की इच्छा हो । एक स्पष्ट विचार के साथ ब्रम्हांड में अपनी दुनिया की खोज कीजिए , ब्रम्हांड आपके विचारो पर अमल करेगा और फिर यह जादुई तरीके से आप के सामने प्रकट होगा आखिर जादू और चमत्कार इसी दुनिया में होते है।

धन्यवाद्।

▲Third Master